मैं मोहोब्बत के गीत गाता रहा
वो सोते रहे चादर तान कर,
मैं नजरो से उन्हें उठाता रहा ।।
वो सपने संजोते रहे प्यार के,
मैं मोहोब्बत के गीत गाता रहा ।।
आंखे बहती रही भाव के बोल से,
मैं फिर भी उन्हें समझाता रहा ।।
वो समझ ना पाए मेरे रूह के अल्फाज...
मैं नजरो से उन्हें उठाता रहा ।।
वो सपने संजोते रहे प्यार के,
मैं मोहोब्बत के गीत गाता रहा ।।
आंखे बहती रही भाव के बोल से,
मैं फिर भी उन्हें समझाता रहा ।।
वो समझ ना पाए मेरे रूह के अल्फाज...