नारी.....न की प्यारी दुश्मन
नारी नहीं कटारी हूं,
चलती फिरती आरी हूँ ।
उतरूँगी जब दिल में तेरे,
बन के जान की प्यासी ,
पर तेरे लिए जान की प्यारी हूं ।।
मेरे मोह-फांस में फस कर,
स्वयं शिव तांडव करते हैं । ...
चलती फिरती आरी हूँ ।
उतरूँगी जब दिल में तेरे,
बन के जान की प्यासी ,
पर तेरे लिए जान की प्यारी हूं ।।
मेरे मोह-फांस में फस कर,
स्वयं शिव तांडव करते हैं । ...