...

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कोई नहीं अपना बस ख़ुदा है
रिहा कर रहा हूं ख़ुदको
उन यादों की कैद से
जो इस दिल को हरदम
दर्द पहुंचाया करती हैं
ये सफ़र मुश्किल बहुत है
थक जाता हूं कभी ख़ुद से ही
भुलाना चाहता हूं जब
उन पलों को जिनको मैं
याद नहीं करना चाहता
तब बड़ी तकलीफ़ होती है
क्यूंकि अक्सर प्यारी यादें ही
ज़ख्मों की वज़ह बन जाया करती हैं
दूरियां ही सही है उन लोगों से
जो तुमको सिर्फ़ अपना गम बताने
आया करते हैं और तुम ठीक हो भी
या नहीं ये खबर तक नहीं रखते हैं
मतलबी ज़माना है
क्यूं किसी से दिल लगाना है
कितना भी करलो किसी के
लिए तुम इस जहां में
आख़िर में अपना दर्द बांटने
तुम्हें ख़ुदा के दर पे ही जाना है
क्यूंकि एक वो ही तो हैं
जो हमेशा हमारे साथ हैं
बाकी सबको तो निभाना बस
पल दो पल का ही साथ है।

#writco #FindYourself #beyourownlight
© rõõh