रेत पर लिखा था जो !
रेत पर लिखा था जो अफसाना मेरे दिल का,
मिट गया वो एक पल में मौजों की शरारत से।
यादें फिर चली आयीं खाली हाथ मेले में,
इंतिज़ार था...
मिट गया वो एक पल में मौजों की शरारत से।
यादें फिर चली आयीं खाली हाथ मेले में,
इंतिज़ार था...