ग़ज़ल
साब इक योजना चला रहे हैं
उल्लू को गदहे पर घुमा रहे हैं
कंठी माला पहन के बगुले अब
मंदिरों में भजन सुना रहे हैं
बाज के मुॅंह में देखकर इक साॅंप
मेंढ़क अब...
उल्लू को गदहे पर घुमा रहे हैं
कंठी माला पहन के बगुले अब
मंदिरों में भजन सुना रहे हैं
बाज के मुॅंह में देखकर इक साॅंप
मेंढ़क अब...