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मित्र एक उपहार
#HappyFriendshipDay

आज कहीं मिलता नहीं, सबको ऐसा प्यार
निश्छल, निर्मल, और निष्कपट, 'मित्र' कोई उपहार।

'सम्पत्ती-विपत्ती' में सदा, सम राखे व्यवहार
साथ न छोड़े कभी भी, अड़चन पड़ें हज़ार।

राह ग़लत चलने न दे, करे 'टोक-तकरार'
'काँची-माटी' घट कोइ, जैसे गढ़े कुम्हार।

अवगुणों की निन्दा करे, सद्गुणों का संचार
आजीवन करता रहे, औषध सा उपचार।

स्वंय से बढ़कर मीत को, स्वंय पर दे अधिकार
ऐसी उत्तम मित्रता को, सब जग करे सत्कार।

तन-मन-धन, अरु प्राण भी, मित्र पर देवे वार
नमन है तुझको मित्रता, तेरी जय-जयकार।।
                                          
  -भूषण