...

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इम्तिहान
चलने को है ज़मी उड़ने को है आसमान।
सपनों की दुनियां में कांटों का सम्मान।

यहां संभल संभल कर चलना परता है!
कदम कदम पर देना परता है इम्तिहान।

बढ़ता जा तू जोश जुनून संग लड़ता जा!
मेहनत तेरी रंग लाएगी मेरा यकीन मान।

मंज़िल मिल ही जायेगी हौसला है अगर!
मेहनत और लगन का रख तू पुरा ध्यान।
© महज़