...

9 views

ख्वाहिशें ...❤️
जब एक इंसान की ख्वाहिशें टूटती हैं तो कभी-कभी इंसान भी टूट जाता है....

मैंने सपनों को टूटते हुए देखा है!
मेरे अपनों को मुझसे रूठते देखा है!
इंतजार में इन आंखों को भिगोया बहुत था
में उस दिन रोया बहुत था ,
तड़पना होता क्या है आखिर मुझे उस दिन समझ आया...
सुजा के आंखों को में सोया बहुत था!
हां में उस दिन रोया बहुत था ,

पसंद था मुझे भी फूलों का खिलना
भाता था मुझको यू सितारों में मिलना
मोहब्बत की बोली को इंतजार है कहते
पलकों ने मेरी उसे ढोया बहुत था!
हां में उस दिन रोया बहुत था,

रिश्ते जले आग चेहरे पे आए!
आंसू थे आंखो के पहरे पे आए,
हम डूबे भी आखिर किनारे पर आके
निकल तो समंदर गहरे से आए
लहरों ने मुझको तब धोया बहुत था,
हां में उस दिन रोया बहुत था !

खंगाला जो यादों की रद्दियो को मेंने
कुछ भूला हुआ सा याद आया
ये दिल भी कहानी घड़ने लगा अब
जिस दिल ने उसे छुपाया बहुत था,
में उस दिन रो.............😭बहुत था !!!

~P.s