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सोनभद्र की वह घटना
600 एकड़ जमीन,
या इंसान का ज़मीर।
क्या अनमोल?
और क्या बेमोल?
भूल चुका है आज इंसान।
सोचा भी नहीं तनिक,
कर दिया रक्तसंचित,
दर्जनों परिवारों को,
सोन की पावन भूमि को।
12 निर्दोष जान,
या झूठा अभिमान।
क्या अनमोल?
और क्या बेमोल?
भूल चुका है आज इंसान।
आ गया बड़ा ही विकराल समय,
अब तो बस समाधान है शिव तेरा महाप्रलय।
या इंसान का ज़मीर।
क्या अनमोल?
और क्या बेमोल?
भूल चुका है आज इंसान।
सोचा भी नहीं तनिक,
कर दिया रक्तसंचित,
दर्जनों परिवारों को,
सोन की पावन भूमि को।
12 निर्दोष जान,
या झूठा अभिमान।
क्या अनमोल?
और क्या बेमोल?
भूल चुका है आज इंसान।
आ गया बड़ा ही विकराल समय,
अब तो बस समाधान है शिव तेरा महाप्रलय।
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