बस पल में पल आगया।।
आज मैं चल पड़ीं
हड़बड़ाके एक अनजान
रास्ते पर ,जिस में ना कोई
मंजिल नजर आ रहा था ।।
पर तयारी तो पूरी
की थी मैंने ।पर फिर भी
मन में एक बेचैनी महसूस हुई
अगर कुछ और नतीज़ा निकला
तो मेरी सारी मेहनत बेकार होगी।
बस कुछ पन्ने पलट रही थी
जिसमे में मेरी किस्मत लिखी थी
अचानक एक ऐसा दृश्य दिखा
जो मेरे दिल के टुकड़े कर गया।
मेरी आत्मा तक कांप...
हड़बड़ाके एक अनजान
रास्ते पर ,जिस में ना कोई
मंजिल नजर आ रहा था ।।
पर तयारी तो पूरी
की थी मैंने ।पर फिर भी
मन में एक बेचैनी महसूस हुई
अगर कुछ और नतीज़ा निकला
तो मेरी सारी मेहनत बेकार होगी।
बस कुछ पन्ने पलट रही थी
जिसमे में मेरी किस्मत लिखी थी
अचानक एक ऐसा दृश्य दिखा
जो मेरे दिल के टुकड़े कर गया।
मेरी आत्मा तक कांप...