...

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मन है
झिलमिल सितारों की तरह चमकने का मन है, अपनी रोशनी फैलाने का मन है।
डूबते सूरज की तरह ढल जाने का मन है, उगते सूरज की तरह जागने का मन है।
रूठे हुए को मनाने का मन है, मुलायम पंखुड़ियों को छुने का मन है।

वर्षा ऋतु मे मोर के संग नाचने का मन है, बसंत मे तितलियों के संग उड़ने का मन है।
आकाशगंगा की तरह बहने का मन है, लहरों के संग टकराने का मन है।
पर्वतो की तरह स्वाभिमानी बनने का मन है,
पानी की तरह निर्मल बनने का मन है।

भवरो की तरह भिनभिनाने का मन है,
चिड़ियों की तरह चहचहाने का मन है।
गणित की तरह कठोर बनने का मन है,
विज्ञान की तरह जानने का मन है।

कल्पनाओ की जादुयी दुनिया जो सबके मन में है।

by :@Nature_lover