काश वक्त रहते संभल गए होते
अगर वक्त रहते संभल गए होते ,
तुम यूं मुश्कुराते हुए फिर न आए होते,
तब शायद हम फिर से, यूं न मिले होते ।
मंजिल तुम्हारे साथ कभी तय ही नहीं था,
साथ हमारे तुम्हारा कभी हाथ ही नहीं था ,
यूं...
तुम यूं मुश्कुराते हुए फिर न आए होते,
तब शायद हम फिर से, यूं न मिले होते ।
मंजिल तुम्हारे साथ कभी तय ही नहीं था,
साथ हमारे तुम्हारा कभी हाथ ही नहीं था ,
यूं...