...

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"मुस्कुराते लम्हें"
मुस्कुराते चंद लम्हें ,और कुछ ख़ामोशियां
ज़हन में भूली बिसरी बातें, तेरा पता ढूंढ रही है !

तेरे कदमों के आहट से मिले जो सुकून
ये दिल आज तक वो वफ़ा ढूंढ रही है !

तु छोड़ गया जहां,उसी दहलीज़ पर बैठा
ये दिल तेरे जाने की वजह,और अपनी ख़ता ढूंढ रही है !

ज़िन्दगी आबाद हो न सकी , पर इससे कोई शिकवा ही नहीं
हर पल हर लम्हा,बस तुमसे दिल लगाने की सजा ढूंढ रही है !

मुस्कुराते चंद लम्हें और कुछ ख़ामोशियां
ज़हन में भूली बिसरी बातें, तेरा पता ढूंढ रही है।।


© 💐Rangeela swaraj💐