...

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आंसुओं का हिसाब
#जाने-दो..!
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
ख्वाबों को दिखा गया
छल ऐसा वह कर गया
आंसुओं का सैलाब आंखों से बाहा गया
भरोसे को तार-तार कर गया
वह बेवफा बेदर्द निकला
तोड़ के उम्मीदों को सारा
वो इंसान बड़ा मतलबी निकला
बिखेर के समेटा नहीं
रिश्ता जोड़ के वह निभाया नहीं
वह बेहया बेवफा निकला
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