महकेगी ख़ुशबू ...
मेरे इंतज़ार में रात जागे आज बिस्तर मेरा !
तेरी तलाश में नींद ढूंढे आज ख़्वाब मेरा !
हकीक़त ए हयात हुई रूबरू कुछ इस तरह ,
रात पूनम में भी ओझल है आज चाँद मेरा !
खोयी खोयी सी रहती हूँ जैसे अजनबी कोई ,
मुझ से ही बेहद ख़फा है आज ...
तेरी तलाश में नींद ढूंढे आज ख़्वाब मेरा !
हकीक़त ए हयात हुई रूबरू कुछ इस तरह ,
रात पूनम में भी ओझल है आज चाँद मेरा !
खोयी खोयी सी रहती हूँ जैसे अजनबी कोई ,
मुझ से ही बेहद ख़फा है आज ...