समझ
इक हैवान आया था ,
मेरे बचपन में ,
सपना नहीं ,
हकीकत थी।
ना समझी की उम्र में ,
मैं रिश्तों की किमत समझी थी ।
मैं ये समझ के भी अन समझी थी,
के मेरी पीड मां के अलावा , बाकियों ने क्यों नहीं समझी थी।
वो मेरे...
मेरे बचपन में ,
सपना नहीं ,
हकीकत थी।
ना समझी की उम्र में ,
मैं रिश्तों की किमत समझी थी ।
मैं ये समझ के भी अन समझी थी,
के मेरी पीड मां के अलावा , बाकियों ने क्यों नहीं समझी थी।
वो मेरे...