हर रंग
हर रंग खिला हैं बगिया में जो पसंद आये वो रंग ले जाना,
सच्चा इन्कार कर देना पर झूठा किसी को ना दिल में बसाना,
खुशियां लूटे कोई जी भर के पर ग़म ना कभी हँस के भी लुटाना,
मंज़िल का क्या हैं मिल ही जायेगी राहों में कदम बस शिद्दत से उठाना,
डुबाने वाले तो सागर के साहिल हैं...
सच्चा इन्कार कर देना पर झूठा किसी को ना दिल में बसाना,
खुशियां लूटे कोई जी भर के पर ग़म ना कभी हँस के भी लुटाना,
मंज़िल का क्या हैं मिल ही जायेगी राहों में कदम बस शिद्दत से उठाना,
डुबाने वाले तो सागर के साहिल हैं...