...

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तेरे अज़कार में...
मेरी ये रातें सुलग रही हैं तेरे इंतज़ार में,
कि एक नज़र देख भी ले तू इस प्यार में,
दिल की किताबों के सफ़हे अंधेरे भरे हैं,
कि रोशन एक सहर कर दे तू इज़हार में,

प्यासे थे जो अल्फाज़ इस दिल के कोने,
तू बुझा इन्हें, कुछ देर बारिश भी दे होने,
मेरी ये साँसें पिघल रही हैं तेरे मनुहार में,
कि थाम ले आज इन्हें अपने क़िरदार में,

बहकती रहूं ताउम्र तेरे इत्र ए मोहब्बत में,
घोल दे लफ़्ज़ों के तराने मेरी लज़्जत में,
रूह से छलकता बेतहाशा दर्द हंजार में,
कि दिल खोया है महफ़िल में तेरे अज़कार में...


© Tarana 🎶