आँसूओं की गजब जूबानी है..
आँसूओं की गजब जूबानी है..
देखो तो पानी..
समझो तो रूहानी..
मेहसूस तो विरानी..
वया हो तो गजल-ऐ-कहानी है..
कभी बहती नदीयाँ के धारा सी..
नाप न आऐ गहरी दरीया सी..
छूओ तो बूंद..फीर कभी..
तपती लाभा की निशानी है..
बदलो तो भेश..
है क्या कोई कलेश??...
देखो तो पानी..
समझो तो रूहानी..
मेहसूस तो विरानी..
वया हो तो गजल-ऐ-कहानी है..
कभी बहती नदीयाँ के धारा सी..
नाप न आऐ गहरी दरीया सी..
छूओ तो बूंद..फीर कभी..
तपती लाभा की निशानी है..
बदलो तो भेश..
है क्या कोई कलेश??...