ज्ञान : तू खुद को पहले हासिल कर
#ज्ञानकीफुसफुसाहट
ना जाने कब सब टूट गया
ना जाने कब सब छूट गया
कभी किताबों में ही लगा रहता था मैं
ना जाने कब सब रूठ गया
एक प्रेम प्रसंग का बेला था
जो मन से मेरे खेला था
वो हंसते हंसते दिल में झूल गया
मैं पढ़ना लिखना सब भूल गया
फिर सब कुछ इतना मुझसे दूर गया
छोड़ दी किताबे सारी मां का ज्ञान भूल गया
मेरे आंखो में मोहब्बत का धूर गया
मैं...
ना जाने कब सब टूट गया
ना जाने कब सब छूट गया
कभी किताबों में ही लगा रहता था मैं
ना जाने कब सब रूठ गया
एक प्रेम प्रसंग का बेला था
जो मन से मेरे खेला था
वो हंसते हंसते दिल में झूल गया
मैं पढ़ना लिखना सब भूल गया
फिर सब कुछ इतना मुझसे दूर गया
छोड़ दी किताबे सारी मां का ज्ञान भूल गया
मेरे आंखो में मोहब्बत का धूर गया
मैं...