...

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चाँद की हसी
चाँद की हसी आयी थी मेरे ज़िन्दगी मे,
दो पल था मेरे साथ जिंदगी की लहरें ले गए उसको ,
न बूल सकता हूँ उसको, उसके यादों से बनाया एक मूर्ति,
न बात कर सकता हूँ,न छू सकता हूँ,देखता हूँ हर पल इस मूर्ति को,
बस उम्मीद है की ज़िन्दगी मूर्ति को न लेजाए मुझसे
© anonymous36