वो माँ है!!!!!
देखते ही हमे खिल उठती है।
कुछ भी करें हम चुप चाप सह लेती है।
बड़े कितने भी हो हम,
पर प्रेम हमें छोटे बच्चों सा करती है।
वो माँ है देखते ही हमे खिल उठती है।
वो हमे पौधों की तरह सींचती है ।
दिन भर की धूप के बाद शाम को,
अपने आँचल मे समेटती है ।
खाद...
कुछ भी करें हम चुप चाप सह लेती है।
बड़े कितने भी हो हम,
पर प्रेम हमें छोटे बच्चों सा करती है।
वो माँ है देखते ही हमे खिल उठती है।
वो हमे पौधों की तरह सींचती है ।
दिन भर की धूप के बाद शाम को,
अपने आँचल मे समेटती है ।
खाद...