अँजोरिया (भोजपुरी)
जनमते घरवा बेटी के, नवका भोर हो गईल,
जइसे चाँद के अँजोरिया, सगरे ओर हो गईल।
घर भर सब भरल रहे, फिर भी रहे उदासी,
मिले कभी ना तजका रोटी, खात रहीं बासी।
देखी रुनकी झुनकी, मनवां चितचोर हो गईल,...
जइसे चाँद के अँजोरिया, सगरे ओर हो गईल।
घर भर सब भरल रहे, फिर भी रहे उदासी,
मिले कभी ना तजका रोटी, खात रहीं बासी।
देखी रुनकी झुनकी, मनवां चितचोर हो गईल,...