जाड़े है सर्द हवा चल रही है
जाड़े है सर्द हवा चल रही है
देख,बाहों में सुलाया कर
नींद पूरी होती नहीं है
तुम शाम को आ जाया कर
यह मौसम, यह पंछी मजाक बनाती हैं मेरी
मुझ पर तरस तु खाया कर
जाड़े है सर्द ह,,,,,,,
बेखबर सर्द रितु को मालूम नहीं
तू इसे दर्द की कहानी सुनाया कर
कैसे गुजरती है लम्बी रात मेरी
सच सच तु इसे बतलाया कर
हंसिका पात्र बन चुका हूं इस उम्र की दुहाई में
इससे नगमे गाकर सुलह कराया कर
जाड़े है सर्द ह,,,,,,,
...
देख,बाहों में सुलाया कर
नींद पूरी होती नहीं है
तुम शाम को आ जाया कर
यह मौसम, यह पंछी मजाक बनाती हैं मेरी
मुझ पर तरस तु खाया कर
जाड़े है सर्द ह,,,,,,,
बेखबर सर्द रितु को मालूम नहीं
तू इसे दर्द की कहानी सुनाया कर
कैसे गुजरती है लम्बी रात मेरी
सच सच तु इसे बतलाया कर
हंसिका पात्र बन चुका हूं इस उम्र की दुहाई में
इससे नगमे गाकर सुलह कराया कर
जाड़े है सर्द ह,,,,,,,
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