...

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तेरे नाल
कुछ बातें अधूरी हैं अभी तेरे नाल,
कुछ रातें ज़रूरी हैं कभी तेरे नाल,

मीठी गल्लां ते मुस्कुराहटें भी होंगी,
कुछ फासलों की दूरी है अभी तेरे नाल,

इश्क़ तां अब घुल गया तेरी सोहबत में,
तुझमें खोकर मिलना हुज़ूरी है तेरे नाल,

जो रब ने मिलाया है मैनू तेरे वास्ते तो,
कुछ मुकम्मल होना दस्तूरी है तेरे नाल,

कुछ पगली तो मैं थी ही मेरे सोणया,
मद्दाह होकर पिघलना मशहूरी है तेरे नाल,

मेरी शब को तुझ मेहताब का इंतज़ार है,
मैनू साँसें फूँककर होना शु'ऊरी है तेरे नाल..

© Tarana 🎶