दिल फेंक मोहब्बत
हवा के एक झोंके ने
क्या रुख बदली
तुमने तो जिंदगी ही
उजार कर चल दी
मोहब्बत के नाम पर
तुमने मुझे ठग ली
कत्ल ऐसे की ,
जिन्दा हुं ,
पर जान निकल गई।
क्या रुख बदली
तुमने तो जिंदगी ही
उजार कर चल दी
मोहब्बत के नाम पर
तुमने मुझे ठग ली
कत्ल ऐसे की ,
जिन्दा हुं ,
पर जान निकल गई।