मन्नत
चाहे देदो दोज़ख़ ही, न मांगता जन्नत हूँ
बस तू ही मिल जाये, ये मांगता मन्नत हूँ
सब कुछ लेलो तुम, बस तेरी चाहत है
हो तेरा जब दीदार, आंखों को राहत है
नींदों खवाबो में रहो,ये मांगता मन्नत हूँ
चाहे देदो दोज़ख़ ही, न मांगता जन्नत हूँ
बस तू ही मिल जाये, ये मांगता मन्नत हूँ
सांसो...
बस तू ही मिल जाये, ये मांगता मन्नत हूँ
सब कुछ लेलो तुम, बस तेरी चाहत है
हो तेरा जब दीदार, आंखों को राहत है
नींदों खवाबो में रहो,ये मांगता मन्नत हूँ
चाहे देदो दोज़ख़ ही, न मांगता जन्नत हूँ
बस तू ही मिल जाये, ये मांगता मन्नत हूँ
सांसो...