jo dard ki wajah hai..
जो दर्द की वजह है,
वही मरहम क्यूँ है,
खामोशी, बेचैनी और ये पागलपन,
दिल मे यूँ दफन क्यूँ है !
कमी सी है तेरे ना होने से,
ज़ेहन को तेरी फिक्र सी क्यूँ है,
कहते हो तुम धडकनों में बसते हो,
फिर ज़िंदगी इतनी सुनी-सुनी क्यूँ है॥
वही मरहम क्यूँ है,
खामोशी, बेचैनी और ये पागलपन,
दिल मे यूँ दफन क्यूँ है !
कमी सी है तेरे ना होने से,
ज़ेहन को तेरी फिक्र सी क्यूँ है,
कहते हो तुम धडकनों में बसते हो,
फिर ज़िंदगी इतनी सुनी-सुनी क्यूँ है॥