...

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टोकरी बेचने वाली
दिन के पहले भोर से वो उठ जाती 
टोकरी बेचने वाली काम में लग जाती

अनगिनत सपनों को आँखों में बसाए
दो वक़्त की रोटी की कोशिश में जुड़ जाती

कंधों पर टाँगे टोकरियाँ आँखों में आस 
दिन भर की मेहनत जैसे हो अनबुझी प्यास

गर्मी हो या सर्दी बरसात हो या धूप 
टोकरी बेचने वाली थक कर...