फ़र्ज़ एवं अधिकार
फ़र्ज़ एवं अधिकार की बात अगर की जाए,
तो 21वीं सदी के युवा को,
जानकारी खूब है अपने अधिकारों की।
ठीक सुना।
सिर्फ अपने अधिकारों की,
ना कि अपने फ़र्ज़ों की।
बातें तो करते हैं बड़ी-बड़ी,
लंबी लंबी हांकनें से भी बाज़ नहीं आते।
अगर आप किसी युवा से करें बात,
तो वह अपने अधिकारों पर
लंबे से लंबा भाषण देने से भी नहीं हिचकिचाता।
एक दिन मैंने ऐसे ही अपनी बेटी को
उसकी सहेली से बात करते हुए सुना।
सखी ने उससे कहा-
मेरे पिताजी हैं
तीन बीघा ज़मीन के मालिक।
मैं तो अपने पिताजी से एक बीघा जमीन ले लूंगी।
ये तो मेराे अधिकार...
तो 21वीं सदी के युवा को,
जानकारी खूब है अपने अधिकारों की।
ठीक सुना।
सिर्फ अपने अधिकारों की,
ना कि अपने फ़र्ज़ों की।
बातें तो करते हैं बड़ी-बड़ी,
लंबी लंबी हांकनें से भी बाज़ नहीं आते।
अगर आप किसी युवा से करें बात,
तो वह अपने अधिकारों पर
लंबे से लंबा भाषण देने से भी नहीं हिचकिचाता।
एक दिन मैंने ऐसे ही अपनी बेटी को
उसकी सहेली से बात करते हुए सुना।
सखी ने उससे कहा-
मेरे पिताजी हैं
तीन बीघा ज़मीन के मालिक।
मैं तो अपने पिताजी से एक बीघा जमीन ले लूंगी।
ये तो मेराे अधिकार...