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सब तेरा
मेने बस यह काम कर दिया
सब कुछ तेरे नाम कर दिया
कैसे फूल खिला करते हैं
कैसे सुरभीत होती बगियाँ
चंदन और नीम का जीवन
छलक-छलक जाती है अखियां
मैंने बस यह काम कर दिया...
कब-कब घटा घिरी और बरसी
कब-कब इंद्रधनुष मुस्कायें
कोपल के कोमल मुखड़े पर
ओंस बूंद मुक्ता बिखरायें
पवन ने बस दिए झँकोरे
और तुमने मधुमास वर लिया
मैंने बस यह काम कर दिया.....
कल कल झरनों के निनाद में
फूटा पड़ता यौवन है
कंकड़ कंकड़ मेड पंथ पर
जीवन का बिहड़ अनमन है
तुमने तो सपने दे डाले
ढलते पन उन्माद भर जियाँ
मैंने बस यह काम कर दिया...
कल जब आओ मेरे आंगन
होटो ले मुस्कान हटीली
मेरी चाहत साथ ले जाना
शब्दों से जो सजी रसीली
नूपुरों से कर्णों से तन-मन
तुमने तो हर बार छल दिया
मैंने बस यह काम कर दिया
सब कुछ तेरे नाम कर दिया...!!
© divu
सब कुछ तेरे नाम कर दिया
कैसे फूल खिला करते हैं
कैसे सुरभीत होती बगियाँ
चंदन और नीम का जीवन
छलक-छलक जाती है अखियां
मैंने बस यह काम कर दिया...
कब-कब घटा घिरी और बरसी
कब-कब इंद्रधनुष मुस्कायें
कोपल के कोमल मुखड़े पर
ओंस बूंद मुक्ता बिखरायें
पवन ने बस दिए झँकोरे
और तुमने मधुमास वर लिया
मैंने बस यह काम कर दिया.....
कल कल झरनों के निनाद में
फूटा पड़ता यौवन है
कंकड़ कंकड़ मेड पंथ पर
जीवन का बिहड़ अनमन है
तुमने तो सपने दे डाले
ढलते पन उन्माद भर जियाँ
मैंने बस यह काम कर दिया...
कल जब आओ मेरे आंगन
होटो ले मुस्कान हटीली
मेरी चाहत साथ ले जाना
शब्दों से जो सजी रसीली
नूपुरों से कर्णों से तन-मन
तुमने तो हर बार छल दिया
मैंने बस यह काम कर दिया
सब कुछ तेरे नाम कर दिया...!!
© divu
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