...

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मेरी ही थी तुम।
मेरी पहली कविता तुम।
मेरी पहली शायरी तुम।
मेरी पहली कहानी तुम।
मेरी पहली खामोशी तुम।
मेरी जिंदगी की अनसुलझी पहेली तुम।
मेरी पहले प्यार की समझ तुम।
मेरी प्यार की परिभाषा तुम।
मेरी जिंदगी की खुशी तुम।
मेरी जिंदगी का गम तुम ।
मेरी अधूरी कहानी तुम।
मेरी जिंदगी का संगीत तुम।
मेरी शांती तुम।
मेरी बेचैनियाँ तुम।
मेरा चैन तुम।
मेरा सपना तुम।
मेरी उडी हुई नींद तुम।
दूर हो चुकी हकीकत तुम।
मेरी ख्वाईश तुम।
मेरी समझ तुम।
मेरी यादें तुम।
मेरे वादे तुम।
मेरी उलझन तुम।
मेरी सुलझ तुम।
कुछ पल के लिए ही सही पर कभी मेरी ही थी तुम।
© Sanket