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प्यार की उम्र
अपरिपक्व प्रेम....
हर रोज़ प्यार का इज़हार करता है...
तोहफ़े देता है...
सपने दिखाता है...
हर वक्त साथ रहना चाहता है...
अपने प्यार को खोने
से डरता है...
शोर मचा मचाकर अपने दिल की बात
दुनिया को बताता है....
पर क्षण भंगुर होता है क्योंकि
नींव कच्ची होती है
पर
परिपक्व प्रेम.....
हर रोज़ इज़हार नहीं करता....
तोहफ़े नहीं देता....
सपने नहीं दिखाता...
अपने प्यार को खोने से डरता नहीं है...
शोर मचाकर अपने प्यार को प्रदर्शित नहीं करता....
मन से साथ होता है
भले ही तन से दूर हो....
बिना कोई उम्मीद किए पूर्ण समर्पण के साथ प्यार करता है....
इसीलिए दीर्घायु होता है।
© Sarika
हर रोज़ प्यार का इज़हार करता है...
तोहफ़े देता है...
सपने दिखाता है...
हर वक्त साथ रहना चाहता है...
अपने प्यार को खोने
से डरता है...
शोर मचा मचाकर अपने दिल की बात
दुनिया को बताता है....
पर क्षण भंगुर होता है क्योंकि
नींव कच्ची होती है
पर
परिपक्व प्रेम.....
हर रोज़ इज़हार नहीं करता....
तोहफ़े नहीं देता....
सपने नहीं दिखाता...
अपने प्यार को खोने से डरता नहीं है...
शोर मचाकर अपने प्यार को प्रदर्शित नहीं करता....
मन से साथ होता है
भले ही तन से दूर हो....
बिना कोई उम्मीद किए पूर्ण समर्पण के साथ प्यार करता है....
इसीलिए दीर्घायु होता है।
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