" रावण एक महाज्ञानी पुरुष "
ब्रह्माण्ड में एक था पुरुष
जो शिव का था परम भक्त
जिसकी कीर्ति थी फैली पूरे विश्व में
शिव जी थे आसक्त उसकी अनन्य भक्ति से।
कहते थे उसको लंकापति
थी प्रजाजन उससे प्रसन्न।
अब कहता हूं उसकी सच्ची कहानी
कहते हैं लोग कि था वो अभिमानी
किन्तु ये सब बातें हैं मनगढ़ंत ज़ुबानी
कोई सामने न था कोई सानी।
जो अपने को मूढ़धन्य समझते हैं
ये बात कहते हैं कि उसने सीता का हरण किया
सच है उसने सीता को हरण किया।
जिसे कहते लोग भगवान राम
उसको वन वन भटकना पड़ा
भय में उसको जीना पड़ा
सुख मिला न उसको कभी संग रह के उनके।
रावण उसको वाटिका में स्थान दिया
उसकी सेवा में दासियों को समर्पित किया
थी न उसको कमी किसी भी वस्तु की,
उसने...
जो शिव का था परम भक्त
जिसकी कीर्ति थी फैली पूरे विश्व में
शिव जी थे आसक्त उसकी अनन्य भक्ति से।
कहते थे उसको लंकापति
थी प्रजाजन उससे प्रसन्न।
अब कहता हूं उसकी सच्ची कहानी
कहते हैं लोग कि था वो अभिमानी
किन्तु ये सब बातें हैं मनगढ़ंत ज़ुबानी
कोई सामने न था कोई सानी।
जो अपने को मूढ़धन्य समझते हैं
ये बात कहते हैं कि उसने सीता का हरण किया
सच है उसने सीता को हरण किया।
जिसे कहते लोग भगवान राम
उसको वन वन भटकना पड़ा
भय में उसको जीना पड़ा
सुख मिला न उसको कभी संग रह के उनके।
रावण उसको वाटिका में स्थान दिया
उसकी सेवा में दासियों को समर्पित किया
थी न उसको कमी किसी भी वस्तु की,
उसने...