...

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हिंदी भाषा
सुन्दर भाषा हिन्दी अपनी
हिंदी की तो बात अलग है
प्रति शब्द का अर्थ भिन्न है
शब्द एक और अर्थ अलग है
रचना सुन्दर करने हेतु
अलंकार ही एक वो नग है
सुन्दर भाषा हिन्दी अपनी
हिंदी की तो बात अलग है

शब्दों का खेल अजब है
शब्द जाल का मेल गजब है
अर्थ बिना अर्थ हीन सभी है
भाव बिना अर्थ हीन कवि है
साहित्यिक जादू दुनिया के
नियम और कानून अलग है
सुन्दर भाषा हिन्दी अपनी
हिंदी की तो बात अलग है

धन वित्त और ज़र संपति
सामान्य शब्द के पर्यायवाची
काव्य की शोभा बढ़ती ऐसे
युवती के श्रृंगार की भांति
शब्द एक और अर्थ अलग है
भाव प्रकट अंदाज अलग है
सुन्दर भाषा हिन्दी अपनी
हिंदी की तो बात अलग है

एक शब्द के अर्थ बहुत है
अर्थ बिना जीवन ही व्यर्थ है
भाव,लिए, हेतु,आशय भी
अर्थ का अर्थ बताते हैं
एक शब्द के बहुत अर्थ है
अध्याय नया सिखलाते है
हर कविता की रचना अपनी
और उनका अंदाज अलग है
सुन्दर भाषा हिन्दी अपनी
हिंदी की तो बात अलग है।।


© सृष्टि चतुर्वेदी