...

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खता
"क्या हुई है इतनी बड़ी
खता ?,
कि खुशियाँ भूल गयी मेरा
पता।
रोज लिए नयी चुनौती आता है
दिन,
और रात नही कटती मेरी रोए
बिन।
पता नही कबतक जी पाऊँगी
ऐसे,
मगर जब तक हू लढती रहूंगी हिम्मत
से।"




© Neha Jadhav