घर ऐसा हो।
एक घर ऐसा हो
जो घर से ज़्यादा हो।
दादा दादी का प्यार मिले
और बच्चो को सम्मान
में रखना।
घर चाहे कैसा भी हो
उसके एक कोने में
खुलकर हंसने की
जगह रखना.
सूरज कितना भी दूर हो
उसको घर आने का रास्ता देना.
कभी कभी छत पर चढ़कर
तारे अवश्य गिनना ।
हो सके तो हाथ...
जो घर से ज़्यादा हो।
दादा दादी का प्यार मिले
और बच्चो को सम्मान
में रखना।
घर चाहे कैसा भी हो
उसके एक कोने में
खुलकर हंसने की
जगह रखना.
सूरज कितना भी दूर हो
उसको घर आने का रास्ता देना.
कभी कभी छत पर चढ़कर
तारे अवश्य गिनना ।
हो सके तो हाथ...