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हाजिर हो भगवान


सवाल जवाब का सिलसिला तो,
देश में अपने है जैसे आम,
तो क्यों न अपने कर्मों पर बोलने,
आज सामने हाजिर हो भगवान।
सब करनी उनकी ही है,
सब उसने ही दुनिया मे बनाया,
फार्मूला ही गलत था उनका शायद,
आज पूछता है ये इंसान।
सामने हाजिर हो भगवान।
क्यों किया ये भेदभाव जो,
अस्तित्व तक को धिक्कारती होंगी,
जाने कितनी बच्चियाँ मरने से पहले,
कोख में माँ को पुकारती होंगी।
किस्मत से गर जन्म हो गया तो,
परिवार का अक्सर प्यार न मिलता,
बिना सही धूप और पानी के बोलो,
यहाँ तो कोई पौधा भी नहीं खिलता।
फिर आती एक बाहरी बला जो,
करती उन्हें इस कदर परेशान,
हर पल आन और जान की सलामती मांगे,
डायपर में लिपटी वो...