तेरा दर्द।।
दर्द देता हैं मुझे हर एक ज़ख्म जो लगे तुझे हैं,
वक्त के वो सारे सितम तुझपर मुझे अंदर से झंझोरते हैं।
शरीर तेरा और रूह तेरा मुझे अब मेरा लगता हैं,
तेरी हर अंधेरी रातों को मुझे रौशन करना हैं।
तुझे खुलकर रुलाना और फिर,
तेरे आंसुओं को अपने...
वक्त के वो सारे सितम तुझपर मुझे अंदर से झंझोरते हैं।
शरीर तेरा और रूह तेरा मुझे अब मेरा लगता हैं,
तेरी हर अंधेरी रातों को मुझे रौशन करना हैं।
तुझे खुलकर रुलाना और फिर,
तेरे आंसुओं को अपने...