"प्यार की तलाश"
प्यार की तलाश में,भटकते रहे क़दम..!
प्यार मिला नहीं कहीं,यूँ ही मरे हम..!
खुशियों के ख़िताब,आये औरों के हिस्से..!
हारते हारते ज़िन्दगी,हुई हमारी मद्धम..!
सूर्य की भाँति,तक़दीर भी जलाती..!
भुलाती रही ज़िन्दगी,नहीं खिला ख़्वाहिशों का पदम..!
कोई मिला न महबूब,हम लगे जिसे ख़ूब..!
ढूँढते सहारे हम बेचारे,यूँ ही हरपल हरदम..!
ज़िन्दगी में करे जो अपने,हमारा भी स्वागतम..!
ख़्वाबों को हक़ीक़त करे वो,मिले प्यार सम्मान अधिकतम..!
© SHIVA KANT
प्यार मिला नहीं कहीं,यूँ ही मरे हम..!
खुशियों के ख़िताब,आये औरों के हिस्से..!
हारते हारते ज़िन्दगी,हुई हमारी मद्धम..!
सूर्य की भाँति,तक़दीर भी जलाती..!
भुलाती रही ज़िन्दगी,नहीं खिला ख़्वाहिशों का पदम..!
कोई मिला न महबूब,हम लगे जिसे ख़ूब..!
ढूँढते सहारे हम बेचारे,यूँ ही हरपल हरदम..!
ज़िन्दगी में करे जो अपने,हमारा भी स्वागतम..!
ख़्वाबों को हक़ीक़त करे वो,मिले प्यार सम्मान अधिकतम..!
© SHIVA KANT