खुदा की रहमत ढूंढ रहा हु
मैं जिंदा रहनी की,
दावा ढूंढ रहा हु।(२)
अंधेरा बहोत हैं यहां,(२)
मैं सूरज ढूंढ रहा हु।(२)
किए है गुनाह मैंने बहुत,
अब शर्मिंदा hu(२)...
दावा ढूंढ रहा हु।(२)
अंधेरा बहोत हैं यहां,(२)
मैं सूरज ढूंढ रहा हु।(२)
किए है गुनाह मैंने बहुत,
अब शर्मिंदा hu(२)...