...

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ज़हर था
#पग-पग पर
ज़हर था मेरे लिए, वो इश्क़ जो तुमने किया
तोड़ भरोसे की पावन डोर,औरों से जो इश्क़ किया
मर गए अरमां तब सारे मेरे जो इश्क़ तुमने किया

रही बात वक़्त की तो हर दफा मैंने ही वफ़ा किया
निश्छल मन लिए, तेरी परछाई को साकार किया
बिखेर मुझे इंद्रधनुष सा जो इश्क़ तुमने किया

खींचकर काली लकीरें, बेबस मुझे तुमने किया
आज तेरी खुशियों के लिए, ख़ुद को दफ़न किया
पूछें कलम के बोल मेरे क्यूँ इश्क़ तुमने किया

ज़रा सी आहट दे देती तो ख़ुद को दूर होता किया
नासमझ था मैं, इस तरह से जो इश्क़ तुमने किया
ज़हर था मेरे लिए, वो इश्क़ जो तुमने किया

#मनःश्री
#मनःस्पर्श
© Shandilya 'स्पर्श'