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अपराध
#अपराध
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
किस भांति देखो आघात करता है
व्यंग पर गंभीरता का प्रहार करता है
गलतियो से नही सीख लेता निक्कमा
एक ही गलती बार बार करता है
ये भी सच है बीच राह छोड़ने वाले
दिल वही पर तेरा इंतज़ार करता है
© introverts.Cries.
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
किस भांति देखो आघात करता है
व्यंग पर गंभीरता का प्रहार करता है
गलतियो से नही सीख लेता निक्कमा
एक ही गलती बार बार करता है
ये भी सच है बीच राह छोड़ने वाले
दिल वही पर तेरा इंतज़ार करता है
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