...

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नशा
RAAJ PREEET

मुझ से कुछ न पूछना यार मै नशे मे चूर हूँ
शराब के नजदीक बहुत अपनो से मै दूर हूँ
अफसोस किस बात का है किस्मत की लकीरों का
किसी का तो साथ है PREEET शराब याद या तस्वीरों का
कौन यहाँ अपना है किसके हम हकदार है
हर दिल मे मेरे लिए नफरत है मिलता कहाँ प्यार है
अपनो ने ठुकराया है PREEET तभी तो समझ आया है
हकीकत नाम मेरे कुछ और है पर ना बताने को मजबूर हूँ
मै आया हूँ कहाँ से कहाँ पर अब जाना है
जिस दिल को हो मेरी शायरी से खुशी वही तो मेरा ठिकाना है
मै ना समझ लावारिश अनाथ हूँ इस संसार के मेले मे
मिलना है अगर मुझे तो खुद को मिलो कभी अकेले मे
सो टके बात है कोई न यहाँ साथ है
खुशियों मे PREEET दिन बिते आंसू मे जाती रात है
सुनसान है हर तरफ दूर तक अँधेरा है
कोन छौड गया कुछ याद नही यादो का रंग गहरा है
आवारगी मेरी कुछ ऐसी है कि मै गांव मे मशहूर हूँ
कभी मै हंसाता हूँ कभी याद किसी की दिलाता हूँ
मौत को जल्दी पाना है बस यही सोच दिन बिताता हूँ
अकेले मै रहता हूं मिलना मिलाने मे सबसे दूर हूँ
शायर PREEET कोई खास नही बस कुछ दिल की बाते लिखता हूँ
बैसा अन्दर से हूँ नही जैसा बाहर से दिखता हूं
जिन्दगी से मै हारा हूँ बस इसलिए कुम्बारा हूँ
नही कोई भी जान मेरी मै तो दीवाना पागल आवारा हूं
मै खुद का जिमेदार हूँ नशे से भरपुर हूँ
मुझसे कुछ ना पूछना मै नशे मे चूर हूँ

© आवारा पागल दीवाना