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लक्ष्य
आगे बढ़, आगे बढ़, सपनों की तू डगर पकड़,
कर्मों की धारा में तू, अपना नाम अमर कर।
ठोकरें खाकर भी तू, मुस्कुराना ना भूल,
सफलता की इस जंग में, कभी हार मानना ना तू।
उड़ान भर, आसमान छू, लक्ष्य तेरा करीब है,
हर शिकस्त से तू सीख, हर जीत संग नयी ख्वाहिश।
दृढ़ संकल्प बना ले तू, अपने इरादों की मजबूती से,
चल पड़े हैं जो भी राह पर, उन्हें अपने सपने पूरे करनी है।
यह गीत तेरे लिए है, मंजिल की आहट सुन,
तू संघर्षों का समंदर, पार कर जा, जूनून से भर।
© @SASWOTI
कर्मों की धारा में तू, अपना नाम अमर कर।
ठोकरें खाकर भी तू, मुस्कुराना ना भूल,
सफलता की इस जंग में, कभी हार मानना ना तू।
उड़ान भर, आसमान छू, लक्ष्य तेरा करीब है,
हर शिकस्त से तू सीख, हर जीत संग नयी ख्वाहिश।
दृढ़ संकल्प बना ले तू, अपने इरादों की मजबूती से,
चल पड़े हैं जो भी राह पर, उन्हें अपने सपने पूरे करनी है।
यह गीत तेरे लिए है, मंजिल की आहट सुन,
तू संघर्षों का समंदर, पार कर जा, जूनून से भर।
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