//ज़िन्दगी//
धीरे-धीरे मोम सी पिघल रही ज़िंदगी
धुआं धुआं मोम सी जल रही ज़िंदगी
किसे फिकर यहाँ किसी के जज़्बात की
फिकर है तो बस अपने मन...
धुआं धुआं मोम सी जल रही ज़िंदगी
किसे फिकर यहाँ किसी के जज़्बात की
फिकर है तो बस अपने मन...