...

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एक बंध प्रेम गीत का
मेरी निर्जीव काया के तुम प्राण हो।
प्राण के बिन ये काया कहाँ जायेगी।।
ये कहीं भी रहे चाहे संसार में।
तुम जो आवाज दोगे चली आयेगी।।

जब समय ने हमें दूर था कर दिया।
अपना मिलना भी संभव था...