जिन्दगी
कभी टूट के बिखेरता तो कभी बिखेर के संभालता रहता है;
कभी किसी से वास्ता तोड़ते तो कभी किसी से संबंध जोड़ते...
कभी किसी से वास्ता तोड़ते तो कभी किसी से संबंध जोड़ते...