ज़िन्दगी
दिल कि एक बात है जो दिमाग़ मे तो है पर लिखावट मे नहीं है ।
ज़ुबान पे तो है पर बातो मे नहीं है ।
मौन हुँ उन सब के लिए जो शायद अब इस दुनिया में नहीं है ।
काट रहे थे जो सज़ा किसी और की ,वो उनका गुनाह नहीं है ।
सुकून ढूंढ़ने हम जाए कहाँ ,शांति तो कहीं भी नहीं है ।
हर वक़्त बस लोगो की चीख पुकार ही गुंज रही है ।
क़ायनात भी दूर से बस तमाशा देख रही है ।
अब कुछ नहीं हो सकता इस दुनिया का...
ज़ुबान पे तो है पर बातो मे नहीं है ।
मौन हुँ उन सब के लिए जो शायद अब इस दुनिया में नहीं है ।
काट रहे थे जो सज़ा किसी और की ,वो उनका गुनाह नहीं है ।
सुकून ढूंढ़ने हम जाए कहाँ ,शांति तो कहीं भी नहीं है ।
हर वक़्त बस लोगो की चीख पुकार ही गुंज रही है ।
क़ायनात भी दूर से बस तमाशा देख रही है ।
अब कुछ नहीं हो सकता इस दुनिया का...