...

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bachpan
एक बचपन का ज़माना था,
ना अपना कोई ठिकाना था।
चाहत तो चांद पाने की थी,
पर दिल तो तितलियों का दीवाना था।।

हर सुबह पढ़ने जाना होता था,
पर इंतज़ार तो शाम के खेलने का रहता था।
होमवर्क ना करने के हज़ार बहाने थे,
पर खेलने को हमेशा तैयार...